चार धाम यात्रा दुनिया की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक है। इस यात्रा में शामिल चार मंदिर यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ हैं। इसे छोटा चार धाम यात्रा के नाम से भी जाना जाता है । इनके इलावा एक और चार धाम है जो आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित किये गए था।

२०२3 में चार धाम यात्रा की तैयारी कैसे करे: पूर्ण जानकारी

चार धाम यात्रा दुनिया की सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक है। इस यात्रा में शामिल चार मंदिर यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ हैं। इसे छोटा चार धाम यात्रा के नाम से भी जाना जाता है । इनके इलावा एक और चार धाम है जो आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित किये गए था। इनमे देश के चार अलग-अलग कोनों में चार पवित्र तीर्थ स्थल शामिल हैं, जैसे उत्तराखंड में बद्रीनाथ, गुजरात में द्वारका, उड़ीसा में पुरी और तमिलनाडु में रामेश्वरम।

छोटा चार धाम यात्रा के सभी पवित्र स्थल अलग-अलग देवी देवताओं को समर्पित हैं। केदारनाथ धाम 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक हैं और यह भगवान शिव को समर्पित है। बद्रीनाथ धाम भगवान बद्री या विष्णु को समर्पित है। गंगोत्री धाम माता गंगा और यमुनोत्री माता यमुना को समर्पित हैं।

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चारधाम यात्रा का धार्मिक महत्व – Char Dham Yatra Significance

ये पवित्र स्थान उत्तराखंड में हिमालय की बुलंद चोटियों के बीच विद्यमान हैं। हिंदू धर्म में, मोक्ष प्राप्त करना ही जीवन का गंतव्य माना गया गया है। और ऐसा मानते हैं कि चार धाम यात्रा आपको इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए एक कदम और करीब ले जाती है। 

चारधाम यात्रा का हिन्दू धर्म में बहुत अधिक धार्मिक महत्व है। यह माना जाता रहा है कि प्रत्येक हिंदू को अपने जीवनकाल में कम से कम एक बार इस तीर्थ यात्रा पर जाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि चारधाम यात्रा जीवन भर के पापों को धो कर मोक्ष के द्वार खोलती है। और ऐसा कहा जाता है कि जब कोई तीर्थयात्री चारधाम यात्रा समाप्त करता है, तो वह मन की पूर्ण शांति प्राप्त करता है।यहाँ हर साल लाखों की संख्या में दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं।

चार धाम यात्रा की महत्वपूर्ण जानकारी – Chardham Yatra Important Tips

ये पवित्र स्थल उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में स्थित हैं। परंपरागत रूप से, यात्रा पश्चिम से पूर्व की ओर की जाती है। इस प्रकार, यह यमुनोत्री से शुरू होती है, फिर गंगोत्री, केदारनाथ, और बद्रीनाथ में समाप्त होती है। यहां आवश्यक जानकारी है जो यात्रा की योजना बनाते समय आपकी मदद करेगी:

  • यात्रा आपकी सुविधानुसार दिल्ली, हरिद्वार, ऋषिकेश या देहरादून से शुरू हो सकती है।
  • चार धाम यात्रा का बायोमेट्रिक पंजीकरण अनिवार्य है।
  • आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, या पासपोर्ट जैसे आवश्यक दस्तावेज यात्रा में अपने साथ ले जाएं।
  • स्विस कॉटेज में शिविर सुविधाएं तीर्थ के पास उपलब्ध हैं और मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित हैं। डीलक्स और बजट आवास भी उपलब्ध हैं।
  • श्रद्धालुओं के लिए हेलीकॉप्टर द्वारा चार धाम यात्रा भी उपलब्ध है। बुकिंग की ऑफलाइन और ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है। जो लोग चलने में असमर्थ हैं, उनके लिए पालकी, घोड़ा और पिट्ठू भी उपलब्ध हैं।
  • यात्रा के दौरान गर्म जैकेट, दस्ताने, स्वेटर, ऊनी मोजे और रेनकोट ले जाना ना भूलें।
  • यात्रा के दौरान अच्छी पकड़ वाले आरामदायक जूते ही पहने।

चार धाम तक कैसे पहुंचे? – How to reach Char Dham by Road & by Helicopter

चारधाम यात्रा या तो हरिद्वार या देहरादून से शुरू होती है। यात्रा शुरू करने के दो तरीके हैं – सड़क और हेलीकाप्टर द्वारा। यहाँ पवित्र स्थलों तक पहुँचने के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी गई है:

1. सड़क मार्ग से: 

सड़क मार्ग से चार धाम यात्रा हरिद्वार, दिल्ली, ऋषिकेश,और देहरादून से शुरू कर सकते हैं। हरिद्वार रेलवे स्टेशन इन पवित्र स्थानों से सबसे निकटम  रेलवे स्टेशन है. हरिद्वार सड़क और रेल नेटवर्क के माध्यम से दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन और निजी बसें इन पवित्र तीर्थ स्थलों के लिए उपलब्ध हैं । हिरद्वार, ऋषिकेश, और देहरादून से टैक्सी भी उपलब्ध हैं।

चार धाम यात्रा को पूरा करने का मार्ग: हरिद्वार – ऋषीकेश – बरकोट –  जानकी चट्टी – यमुनोत्री – उत्तरकाशी – हरसिल – गंगोत्री – घनसाली – अगस्तमुनि – गुप्तकाशी – केदारनाथ – चमोली गोपेश्वर – गोविन्द घाट – बद्रीनाथ – जोशीमठ – ऋषीकेश – हरिद्वार

2. हेलीकॉप्टर द्वारा: 

सहस्त्रधारा हेलीपैड, देहरादून से चार धाम के लिए हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध है। हेलीकॉप्टर सेवा देहरादून से खरसाली तक है, जो यमुनोत्री मंदिर से लगभग 6 किमी दूर है। हरसिल हेलीपैड गंगोत्री मंदिर के लिए निकटतम हेलिपैड है, जो मंदिर से 25 किमी दूर स्थित है। बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के हेलिपैड भी मंदिर के पास स्थित हैं।

हेलीकॉप्टर मार्ग – देहरादून (सहस्त्रधारा हेलीपैड) – यमुनोत्री (खरसाली हेलीपैड) – गंगोत्री (हरसिल हेलीपैड) – गुप्तकाशी हेलीपैड – केदारनाथ हेलिपैड – गुप्तकाशी – बद्रीनाथ – देहरादून

चार धाम जाने का सबसे अच्छा समय – Best Time to Visit Chardham Yatra

चार धाम यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से अक्टूबर तक है। इन महीनों में मौसम सुहाना होता है जो की यात्रा को आरामदायक और सुखद बनता है। गर्मियों के दौरान मौसम अच्छा रहता है। मानसून के मौसम में यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि क्षेत्र में भारी बारिश होती है, जिसके कारण कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन और बाढ़ की आशंका बानी रहती है। सर्दियों के मौसम में, इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है जिसके कारण मंदिर लगभग छह महीने तक बंद रहते हैं। सर्दियों में केदारनाथ की मूर्तियां ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में एवं बद्रीनाथ की मूर्तियां जोशीमठ स्थानांतरित हो जाती हैं । भक्त वहां जा कर दर्शन कर सकते हैं।

चार धाम कहाँ स्थित हैं? – Where is Char Dham Located?

चार धाम यात्रा में चार पवित्र स्थान शामिल हैं, जो उत्तराखंड में गढ़वाल हिमालय की गोद में स्थित हैं। 

यमुनोत्री धाम

yamunotri temple

यमुना नदी का स्रोत, यमुनोत्री उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में समुद्र तल से 3293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यमुनोत्री मंदिर हिमालय के ग्लेशियरों और थर्मल स्प्रिंग्स से घिरा हुआ है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार यमुना, मृत्यु के देवता – यम की बहन हैं। ऐसा माना जाता है कि यमुना में स्नान करने से शान्ति मिलती है। यहाँ से देहरादून 182 किमी की दूरी पर स्थित है और हरिद्वार 226 किमी दूर है।

  • यमुनोत्री मंदिर खुलने की तारीख – 3 मई से 24 अक्टूबर 2023 तक
  • दर्शन का समय – यमुनोत्री मंदिर सुबह लगभग 7 बजे श्रद्धालुओं के लिए खुल जाता है। दोपहर 1 बजे से 4 बजे के बीच की अवधि में बंद होता है। यमुनोत्री मंदिर के बंद होने का समय रात 8 बजे है। यहाँ से देहरादून 182 किमी की दूरी पर स्थित है और हरिद्वार 226 किमी दूर है।
  • मंदिर के आस पास घूमने की जगह:  जानकीचट्टी, सूर्य कुंड, शनि देव मंदिर, सप्तऋषि कुंड

2.  गंगोत्री धाम 

gangotri-temple

यह मंदिर देवी गंगा को समर्पित है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, गंगोत्री धाम वह स्थान है जहां गंगा नदी स्वर्ग से उतरी थी जब भगवान शिव ने उन्हें अपनी जटाओं से छोड़ा था। समुद्र तल से 3042 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, गंगोत्री उत्तरकाशी जिले में स्थित है। यहाँ से हरिद्वार 285 किमी और देहरादून 240 किमी है। 

  • गंगोत्री मंदिर खुलने की तारीख – 3 मई से 25 अक्टूबर 2023 तक
  • दर्शन का समय – गंगोत्री मंदिर में पूजा सुबह 4:00 बजे आरती के साथ शुरू होती है और शाम 7:00 बजे शयन आरती के साथ समाप्त होता है। मंदिर 6:00 बजे तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए खुलता है। दोपहर में यह 2:00 से 3:00 बजे तक बंद होता है। 
  • मंदिर के आस पास घूमने की जगह: भागीरथ शिला, भैरव घाटी, गौमुख, सूर्य कुंड, जलमग्न शिवलिंग

3. केदारनाथ धाम

२०२3 में चार धाम यात्रा की तैयारी कैसे करे: पूर्ण जानकारी

यह धाम हिमालय की गोद में स्थित रुद्रप्रयाग जिले में समुद्र ताल से 3553  मीटर की ऊंचाई पे स्थित है। केदारनाथ धाम भगवान शिव को समर्पित है। यह न केवल चारधाम यात्रा के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थों में से एक है, बल्कि इस प्राचीन मंदिर को भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक भी माना जाता है। इसके अलावा, केदारनाथ, कल्पेश्वर, तुंगनाथ, मदमहेश्वर और रुद्रनाथ मंदिर एक साथ पंच केदार बनाते हैं। देहरादून से यह 254 किमी और हरिद्वार से 125 किमी दूर है।

  • केदारनाथ मंदिर खुलने की तारीख – 7 मई से 24 अक्टूबर 2023 तक
  • दर्शन का समय – केदारनाथ मंदिर में पूजा अनुष्ठान सुबह 4:00 बजे महा अभिषेक आरती के साथ शुरू होता है और शाम 7:00 बजे शयन आरती के साथ समाप्त होता है। मंदिर 6:00 बजे तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए खुलता है। दोपहर में यह 3:00 से 5:00 बजे तक दो घंटे के लिए बंद होता है। 
  • मंदिर के आस पास घूमने की जगह: गौरीकुंड, भैरव नाथ मंदिर, तुंगनाथ, चंद्रशिला ट्रैक , वासुकी ताल, त्रिजुगी नारायण

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4. बद्रीनाथ धाम

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नर और नारायण पर्वत श्रृंखलाओं के बीच स्थित बद्रीनाथ धाम समुद्र ताल से 3300 मीटर की ऊंचाई पे स्थित है। यह उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है। बद्रीनाथ धाम भगवान विष्णु को समर्पित है, जिन्हें दिव्य हिंदू त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु और शिव) का रक्षक और संरक्षक माना जाता है। इन महत्वपूर्ण कारणों के अलावा, बद्रीनाथ धाम को चारधाम यात्रा में इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह वह स्थान है जहाँ आदि शंकराचार्य ने मोक्ष प्राप्त किया था, इस प्रकार, पुनर्जन्म की प्रक्रिया से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करते हैं। केदारनाथ से दूरी 218 किमी है और हरिद्वार से इसकी दूरी 316 किमी है। देहरादून से बद्रीनाथ 334 किमी पे स्थित है।

  • बद्रीनाथ मंदिर खुलने की तारीख – 8 मई से 20 नवंबर 2023 तक
  • दर्शन का समय – मंदिर में दैनिक अनुष्ठान महा अभिषेक और अभिषेक पूजा के साथ लगभग 4:30 बजे शुरू होते हैं और शयन आरती के साथ लगभग 9:00 बजे समाप्त होते हैं। मंदिर आम जनता के लिए सुबह 7:00 बजे खुलता है और दोपहर में 1:00 बजे से शाम 4:00 बजे के बीच बंद होता है।

मंदिर के आस पास घूमने की जगह: तप्त कुंड, चरण पादुका, व्यास गुफ़ा, गणेश गुफ़ा, भीम पुल, पांडुकेश्वर , योगध्यान बद्री मंदिर , माना गाँव, सतोपंथ लेक

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चार धाम यात्रा शुरू होने और बंद होने की तिथि – Char Dham Yatra Opening & Closing date

गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिर के लिए यात्रा अक्षय तृतीया से शुरू होती है। केदारनाथ यात्रा की प्रारंभिक तिथि शिवरात्रि पर और बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने की तिथि बसंत पंचमी के दिन तय होती है। चारधाम यात्रा अप्रैल-मई में शुरू होती है और हर साल अक्टूबर-नवंबर में दीपावली के आसपास बंद हो जाती है।

चार धाम यात्रा ऑनलाइन पंजीकरण – Char Dham Yatra Registration

चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य है जो की चार धाम यात्रा की आधिकारिक वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। ऑफलाइन यात्रा पंजीकरण हरिद्वार रेलवे स्टेशन, ऋषिकेश बस स्टैंड, जानकी चट्टी, गुप्तकाशी, गंगोत्री, फाटा, सोनप्रयाग, केदारनाथ, गोविंदघाट, और उत्तरकाशी जैसे कई स्थानों पर उपलब्ध है। पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज फोटो पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड और पासपोर्ट हैं।

आपके पास अब चार धाम यात्रा से जुडी सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध है। अब आप इन पवित्र स्थलों की आध्यात्मिक यात्रा की योजना बना सकते हैं। साथ ही प्राकृतिक सुंदरता भी ले सकते हैं।

चार धाम यात्रा के दौरान रहने की जगह – Where to stay During Chardham Yatra

चार धाम यात्रा के दौरान रुकने के लिए बहुत सारे होटल, गेस्ट हाउस, रिसॉर्ट्स, आश्रम, और धर्मशाला उपलब्ध हैं। होटल लक्ज़री से लेकर किफायती रेंज तक उपलब्ध हैं। यात्री अपनी सुविधा के अनुसार चुन सकते हैं। इस क्षेत्र के कुछ लोकप्रिय विश्राम स्थल यहाँ लिखे गए हैं:

  • गरवाल मंडल विकास निगम सरकारी गेस्ट हाउस – हरिद्वार, ऋषीकेश, देहरादून, देवप्रयाग, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, जोशीमठ, पीपलकोटी, गोविंद घाट, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गुप्तकाशी, हरसिल (गंगोत्री), और यमुनोत्री 
  • हिमालयन एको रिसोर्ट, बरकोट 
  • कैंप निरवाना, गुप्तकाशी 
  • विश्वनाथ टूरिस्ट लॉज, गुप्तकाशी 
  • धनेश्वर रिसोर्ट, देवप्रयाग 
  • रामकुंड रिसोर्ट, देवप्रयाग 
  • यमनोत्री कॉटेज 
  • जोशीमठ चार धाम कैंप 
  • होटल नारायण पैलेस, बद्रीनाथ 
  • होटल चाहत, श्रीनगर 
  • होटल हेवन , चमोली 
  • होटल कुंदन पैलेस, उत्तरकाशी 
  • होटल मन्दाकिनी, रुद्रप्रयाग 

यात्रा के दौरान ले जाने वाली चीजें –  Things to Carry during yatra

  • हमेशा सर्दी, खांसी और बुखार के लिए जरूरी दवाओं की एक किट साथ रखें। 
  • इसके अलावा, बैंड-एड्स और एक एंटीसेप्टिक मरहम ले जाएं।
  • सनबर्न से बचाव के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। यदि आप धूप में यात्रा कर रहे हैं तो टोपी पहनें और चश्मा करें।
  • ऊनी कपड़े जैसे की बॉडी वार्मर, स्वेटर, जैकेट, टोपी, जुराबें, एवं ग्लव्स ले के जाएँ।
  • विंडचीटर, रेनकोट, और बारिश से बचने के लिए छाता भी रखें।
  • वाटर प्रूफ जूते और वाटरप्रूफ बैग ले के जाएं।
  • बैटरी से चलने वाली टार्च और पर्याप्त बैटरी ले जाएं।
  • पानी और ड्राई फ्रूट्स भी रखें रास्ते के लिए। 
  • ज़रूरी कागज़ात जैसे की टिकट्स, आइडेंटिटी प्रूफ, और पैसे संभाल के वाटरप्र्रोफ बैग में रखें।

आपके पास अब चार धाम यात्रा से जुडी सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध है। अब आप इन पवित्र स्थलों की आध्यात्मिक यात्रा की योजना बना सकते हैं। साथ ही प्राकृतिक सुंदरता भी ले सकते हैं।